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वह एक पुत्र को जन्म देगी। तू उसका नाम यीशु रखना क्य़ोंकि वह अपने लोगों को उनके पापों से उद्धार करेगा।”

-मत्ती 1:21

“मेरे परम पिता ने मुझे सब कुछ सौंपा है और वास्तव में परम पिता के अलावा पुत्र को कोई नहीं जानता। और पिता को पुत्र के सिवाय और कोई नहीं जानता। और हर कोई उस परम पिता को जानता है जिस पर पुत्र ने उसे प्रकट करना चाहा है।
“हे थके और बोझ से दबे हुए, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें आराम दूंगा।

-मत्ती 11:27,28

तुम्हें मनुष्य के पुत्र जैसा ही होना चाहिये जो सेवा कराने नहीं, बल्कि सेवा करने और बहुतों के छुटकारे के लिये अपने प्राणों की फिरौती देने आया है।”

-मत्ती 20:28

परमेश्वर को जगत से इतना प्रेम था कि उसने अपने एकमात्र पुत्र को दे दिया, ताकि हर वह आदमी जो उसमें विश्वास रखता है, नष्ट न हो जाये बल्कि उसे अनन्त जीवन मिल जाये।
इसलिए वह जो उसके पुत्र में विश्वास करता है अनन्त जीवन पाता है पर वह जो परमेश्वर के पुत्र की बात नहीं मानता उसे वह जीवन नहीं मिलेगा। इसके बजाय उस पर परम पिता परमेश्वर का क्रोध बना रहेगा।”

-यूहन्ना 3:16,36

यीशु ने उससे कहा, “मैं ही पुनरुत्थान हूँ और मैं ही जीवन हूँ। वह जो मुझमें विश्वास करता है जियेगा। और हर वह, जो जीवित है और मुझमें विश्वास रखता है, कभी नहीं मरेगा। क्या तू यह विश्वास रखती है।”

-यूहन्ना 11:25,26

यीशु ने उससे कहा, “मैं ही मार्ग हूँ, सत्य हूँ और जीवन हूँ। बिना मेरे द्वारा कोई भी परम पिता के पास नहीं आता।

-यूहन्ना 14:6

और जो बातें यहाँ लिखी हैं, वे इसलिए हैं कि तुम विश्वास करो कि यीशु ही परमेश्वर का पुत्र, मसीह है। और इसलिये कि विश्वास करते हुए उसके नाम से तुम जीवन पाओ।

-यूहन्ना 20:31

‘और राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार
सारे जगत में प्रचार: सभी के साथ सुसमाचार बाँटना किया जाएगा,
कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा। ‘
-मत्ती 24:14

परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह के सुसमाचार का आरम्भ।
-मरकुस 1:1

और उसने उनसे कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ,
कि जो यहाँ खड़े हैं, उनमें से कोई ऐसे हैं, कि जब तक
परमेश्वर के राज्य को सामर्थ्य सहित आता हुआ न देख लें,
तब तक मृत्यु का स्वाद कदापि न चखेंगे।”

तब एक बादल ने उन्हें छा लिया, और उस बादल
में से यह शब्द निकला, “यह मेरा प्रिय पुत्र है; इसकी सुनो।”
तब उन्होंने एकाएक चारों ओर दृष्टि की, और यीशु को छोड़
अपने साथ और किसी को न देखा।
-मरकुस 9:1,7,8

तब उसने पवित्रशास्त्र समझने के लिये उनकी समझ खोल दी।
और उनसे कहा, “यह लिखा है कि मसीह दुःख उठाएगा,
और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा,
और यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और
पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा।
-लूका 24:45-47

परन्तु जब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ्य पाओगे;
और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में,
और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होंगे।”
-प्रेरितों के काम 1:8

तो तुम सब और सारे इस्राएली लोग जान लें कि यीशु मसीह नासरी
के नाम से जिसे तुम ने क्रूस पर चढ़ाया, और परमेश्वर ने मरे हुओं में
से जिलाया, यह मनुष्य तुम्हारे सामने भला चंगा खड़ा है।
यह वही पत्थर है जिसे तुम राजमिस्त्रियों ने तुच्छ जाना और वह
कोने के सिरे का पत्थर हो गया।
और किसी दूसरे के द्वारा उद्धार नहीं; क्योंकि स्वर्ग के नीचे
मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया,
जिसके द्वारा हम उद्धार पा सके।”
-प्रेरितों के काम 4:10-12

इसके बाद हर दिन, मन्दिर में और घर-घर में,
वे लगातार सिखाते और प्रचार करते थे कि यीशु ही मसीह है।
-प्रेरितों के काम 5:42

परन्तु जब उन्होंने फिलिप्पुस का विश्वास किया जो परमेश्वर के
राज्य और यीशु मसीह के नाम का सुसमाचार सुनाता था तो लोग,
क्या पुरुष, क्या स्त्री बपतिस्मा लेने लगे।
-प्रेरितों के काम 8:12

‘क्योंकि मैं सुसमाचार से नहीं लजाता,
इसलिए कि वह हर एक विश्वास करनेवाले के लिये,
पहले तो यहूदी, फिर यूनानी के लिये,
उद्धार के निमित्त परमेश्वर की सामर्थ्य है। ‘
रोमियों 1:16

यीशु मसीह को स्मरण रख, जो दाऊद के वंश से हुआ,
और मरे हुओं में से जी उठा; और यह मेरे सुसमाचार के अनुसार है।
-2 तीमुथियुस 2:8